Kumar Vishwas shayari in Hindi Ultimate collection
कुमार विश्वास (जन्म: १० फरवरी १९७०) एक भारतीय हिन्दी कवि, वक्ता और सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता हैं। वे आम आदमी पार्टी के नेता रह चुके हैं। उनका मूल नाम विश्वास कुमार शर्मा है। वे युवाओं के अत्यन्त प्रिय कवि हैं। हिंदी को भारत से विश्व तक पुनः स्थापित करने वाले डॉ कुमार विश्वास के कविता के मंचन, वाचन, गायन के साथ साथ वकतृत्व प्रतिभा के भी धनी हैं। मंच संचालन, गायन, काव्य वाचन, पाठन, लेखन आदि सब विधाओं में निपुण कुमार विश्वास हिंदी के प्राध्यापक भी रह चुके हैं।
डॉ कुमार विश्वास को श्रृंगार रस का कवि माना जाता है। उनके द्वारा लिखा काव्य संग्रह ‘कोई दीवाना कहता है’ युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय रहा। उन्होंने कई सुंदर कविताएं लिखी हैं जिनमे हिंदी कविता के नवरस मिलते हैं। उनके लिखे गीत कुछ फिल्मों आदि में भी उपयोग किये गए हैं।
कवि-सम्मेलनों और मुशायरों के क्षेत्र में भी डॉ॰ विश्वास एक अग्रणी कवि हैं। वो अब तक हज़ारों कवि सम्मेलनों और मुशायरों में कविता-पाठ और संचालन कर चुके हैं।
तोह आइये उनके कुछ मशहूर शेर व शायरी से रूबरू होते हैं |
और अपनी मनपंसद शायरी को अपने दोस्तों और चाहने वालों को शेयर करते हैं whatsapp or social media पर !
“ये उर्दू बज्म है , और में तोह हिंदी माँ का जाया हु ,
जबाने मुल्क की बेहेने है ये पैगाम लाया हु ,
मुझे दुगनी महोब्बत से सुनो उर्दू जबां वालो ..
जबाने मुल्क की बेहेने है ये पैगाम लाया हु ,
मुझे दुगनी महोब्बत से सुनो उर्दू जबां वालो ..
में अपनी माँ का बेटा हु , में घर मोसी के आया हु ”…
Kumar Vishwas shayari in Hindi
जख्म भर जायेगे तुम मिलो तो सही ,
जख्म भर जायेगे तुम मिलो तो सही ,
रास्ते में खड़े दो अधूरे सपन ..
एक घर जाएगे तुम मिलो तो सही !
जवानी में कई गजले अधूरी छूट जाती है ,
कई ख्वाइश तोह दिल ही दिल में पूरी टूट जाती है …
जुदाई में तोह में उससे मुकम्मल बात करता हु ,
मुलाकातों में सब बाते अधूरी छूट जाती है …!
खुद को आसान कर रही हो ना , हमपे एहसान कर रही हो ना ,
ख्वाब , सपने , सुकून , उमीदे…
कितना नुक्सान कर रही हो ना !
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